Monday, 24 November 2025

कंसहरीतकी ? क्यूं सोचना 🤔⁉️ च्यवनप्राश!! सिर्फ बेचना 😃

कंसहरीतकी ? क्यूं सोचना 🤔⁉️

च्यवनप्राश!! सिर्फ बेचना 😃

Picture credit Google Gemini AI 

आपने भोजन कर लिया ?

इस प्रश्न के उत्तर में, "गर्मी के मौसम मे स्वेटर पहनना चाहिये" ऐसा सुना... तो आप क्या समझेंगे ! ?


साथ मे जुडा हुआ फोटो, मुझे एक ग्रुप मे चल रही चर्चा पर, किसी ने वैयक्तिक रूप मे, मेसेज के रूप मे भेजा है, मेरे पर्सनल व्हाट्सअप पर, उसका यह स्क्रीन शॉट है


आयर्वूवेद फिल्ड म्हनजे सुमार बुद्धीच्या, टुकार वृत्तीच्या, बेक्कार लोकांची, मोक्कार गर्दी !!!


हिंदी भाषांतर 

आयर्वूवेद का क्षेत्र औसत बुद्धि, आलसी रवैये और आलसी दिमाग वाले लोगों की एक बढती हुई बहुत बडी भीड़ है!!!


English 

The Ayawurveda field is a crazy crowd of people with mediocre intellect, a lazy attitude, and a lazy mind!!!


ऐसा क्यू हुआ होगा ????


आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रश्न क्या पूछा है, यही बहुतांश लोगों को समझ मे नही आता है, इसलिये उसके बाद की चर्चा या तो होती नही है & अगर होती भी है तो दिशाहीन भ्रांती के रूप मे भटक जाती है


प्रश्न पूछा आवले का भार = वजन, कितना कर्ष = ग्राम होना चाहिये ?

यदि हरितकी का भार द्विकर्ष और बिभीतक का भार एक कर्ष शास्त्र मे लिखा है, तो इस आधार पर आवले का भारत "कितना ग्राम = कर्ष" होना चाहिये?? 


दूसरा प्रश्न पूछा चवनप्राश की एक समय की सेवन मात्रा कितनी है ??


यह प्रश्न मे पिछले 22 साल से पूछ रहा हूँ 


किसीने कभी भी उत्तर नही दिया 


इस साल अचानक दो चार ग्रुप मे इस पर रिस्पॉन्स प्रतिक्रिया आ गई 


एक सीनियर के ग्रुप में इस पर बडी चर्चा चली 


किंतु चर्चा का विषय यह था की, 

चवनप्राश खाने लायक टेस्टी बनाने के लिए , 

आवले की तुलना मे उसने कितनी गुना शुगर शर्करा डालने चाहिये ???


प्रश्न क्या पूछा है !? ... चर्चा क्या चल रही है ... !?


इस पर हमने आगे के कुछ पॉईंट्स उस सीनियर वैद्य ग्रुप मे रखे ...

जो आपके भी सामने प्रस्तुत कर रहे है

1

न मात्रामात्रमप्यत्र किञ्चिदागमवर्जितम्| 


2

किसी का भी अनुभव या मत कुछ भी हो यदि आप्त प्रमाण सर्वश्रेष्ठ है, तो उसमे जैसे बताया है, वैसे करना चाहिए, यह अंतिम निर्णय है


3

 इसलिये आवला और शर्करा का प्रमाण कितना होना चाहिए, यह वाद ही निराधार है अनावश्यक है निरुपयोगी है 


4

मूल प्रश्न ऐसा है की आवले का वजन/भार कितना होना चाहिए ?

जिस वजन/भार का आवला बाजार मे मिलता है, वह शास्त्रीय अपेक्षित आमलकी फल है क्या ?

और च्यवनप्राश की सेवन मात्रा क्या होनी चाहिये?


5.

अगर वो प्रश्न सुलझ गया तो बाकी कोई प्रश्न रहेगा नही 

उसका टेस्ट क्या आता है 

वो खाने लायक होता है की नही है

👆🏼 

ये प्रश्नही अशास्त्रीय है


6

आयुर्वेद औषधी का प्रायः टेस्ट रुचिकर होता ही नही है. औषधी प्रायः तिक्त कटु कषाय होते है , तो क्या फिर सभी औषधो को टेस्टी बनाने के लिए उसमे मनचाहे बदल करोगे क्या ?

नही !


6A

कंसहरीतकी मे भी हरीतकी फलों की संख्या 100 है और दशमूल क्वाथ का प्रमाण एक कंस है 


6B

वैसे चवनप्राश मे भी आमलकी फलों की संख्या 500 है और शर्करा का प्रमाण अर्ध तुला है 


6C

तो ऐसे फलों की संख्या और अन्य औषध का प्रमाण मान परिभाषा मे , ऐसे अन्य कल्प मे भी हुआ है जो की कंसहरीतकी है ...


6D

लेकिन उसके बारे मे कोई चर्चा वाद प्रश्न संदेह नही होता है , क्यूंकि उसको किसी को "बेचना" नही उसका "व्यापार" नही हो सकता उसको कोई "मार्केट" नही है


6E

कंसहरीतकी का टेस्ट कैसा होता है, उस पर कोई चर्चा नही करेगा, उसको कोई स्मरण मे तक नही लायेगा , क्यूंकि की वह "बेचने की बात" नही है ना!? 😇


7.

जो आप बेच रहे हो वो चवनप्राश नही है, इतना प्रामाणिक रूप से मान्य करो ... 


8.

जो शास्त्र मे लिखा चवनप्राश है, वो हम बनाते नही, ये प्रामाणिक रूप से मान्य करो. 


9.

फिर किसको क्या बेचना है, वो उसका स्वयं का प्रश्न है ... लेकिन उसको शास्त्रोक्त/च्यवनप्राश नाम देकर उसके नाम पर गलत चीजे मत बेचो, इतनी ही नम्र विनंती


10.

चरक कहता है "मात्रा"कालाश्रया युक्तिः ... आमलकी फल संख्या मे 500 है , केवल उस फल का भार कितना होना चाहिए, इसका निर्धारण होना आवश्यक है.

हरीतकी बिभीतक इनके भार कितने होते है, यह शास्त्र मे स्पष्ट रूप से उल्लेखित और उसके आधार पर आवले के फल का वजन पाच ग्रॅम (जादा से ज्यादा सव्वा छह ग्राम) होना चाहिये !!!

इनसे जो बनता है वह चवनप्राश आप अगर नही बना रहे, तो आप चवनप्राश नाम नही दे सकते. चवनप्राश नाम देने के बाद अन्य कुछ भी उसके नाम पर नही बेचना चाहिए


11.

सेवन मात्रा यह दूसरा शास्त्रीय तथा व्यावहारिक दृष्टी से महत्वपूर्ण प्रश्न है. चरक ने जो मात्रा लिखी है वह सब्जेक्टिव्ह है. उसको ऑब्जेक्टिव बनाने का प्रयास शार्ङ्गधर ने किया है जो अवलेह सेवन मात्रा एक पल लिखा है जो 40 ग्रॅम होता है 


12.

इतने दो ही प्रश्न , इस सभी चर्चा का जो मूल आरंभ है , जो मेरे इस विषय से संबंधित पाच लेखों के पोस्ट में है ... links given here👇🏼

के आया मौसम ..."च्यवनप्राश" 🥄🙃😇 का ?! ... 🤔⁉️


https://mhetreayurved.blogspot.com/2023/11/blog-post_20.html

👆🏼

हिंदी भाषा : च्यवनप्राश निर्मिती : कुछ प्रश्न और संदेह 😇🙃🤔⁉️


https://mhetreayurved.blogspot.com/2023/11/english-chyavanprasha-formulation.html

👆🏼

English: ChyavanPrasha Formulation : Queries and Doubts


https://mhetreayurved.blogspot.com/2023/11/blog-post_31.html

👆🏼

हिंदी भाषा : ययाती च्यवन ऋषी च्यवनप्राश अर्थवाद


https://mhetreayurved.blogspot.com/2023/11/yayaati-chyavana-arthavaada.html

👆🏼

English : Yayati, Chyavana Rushi, Chyavanaprasha & ArthaVaada


https://mhetreayurved.blogspot.com/2023/11/blog-post_48.html

👆🏼

मराठी : च्यवनप्राश निर्मिती : काही प्रश्न आणि शंका🤔⁉️


https://youtube.com/clip/Ugkx0qR3voYTyn8hKmW_ftAFnPTtfXce8LnF?si=NE-GsXBOkpgmJ9ql

👆🏼

के आया मौसम ... 💞


13.

बाकी चर्चा जो है, वो दिशाहीन है अनावश्यक है निरुपयोगी है प्रयोजन शून्य है


च्यवनप्राश की सेवन मात्रा (one time dose) कितनी है??

🤔⁉️

च्यवनप्राश अवलेह यदि "प्राश" है तो "प्रकर्षेण अशन" = "अशित" इस प्रकार से उसका सेवन होना चाहिए 



यदि "अवलेह" है, तो वह "लीढ" इस प्रकार मे आता है


अशित खादित पीत लीढ 

ऐसे चार प्रकार के अन्न होते है इसमे से "अशित & लीढ" यह दोनो भिन्न प्रकार है, तो च्यवनप्राश "अशित है या लीढ है" ??


च्यवनप्राश की सेवन मात्रा कितनी है?? 🤔⁉️


As per charaka, 

👇🏼

अस्य मात्रां प्रयुञ्जीत योऽपरुन्ध्यान्न भोजनम्|

It should be taken in the dose which does not interfere with the food intake and digestion

👆🏼

This is subjective अर्थात भगवान जाने कितनी मात्रा देना है!?😇🤔⁉️


सोऽवलेहश्च लेहः स्यात्तन्मात्रा स्यात्पलोन्मिता 

👆🏼

अर्थात शार्ङ्गधर के अनुसार मात्रा एक पल = 40 ग्रॅम है


एक समय में, इतनी मात्रा में, कोई वैद्य, च्यवनप्राश देता है क्या ...


और कोई पेशंट, इतनी मात्रा में, एक समय में, च्यवनप्राश खाता है क्या?


⚖️

Eltroxin की मात्रा mcg मे काउंट होती है 

1 milligram (mg) = 1,000 micrograms (mcg).


और च्यवनप्राश की निर्मिति में प्रति वर्ष, पूरे भारत मे, संभवतः प्रायः किलो में या टनों मे अपराध होता रहता है! 😔☹️🤦🏻‍♂️🙆🏻‍♂️

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