Monday, 10 November 2025

श्रद्धालु, तीर्थस्थल, आचार्य परीक्षा & आयुर्वेद !

 श्रद्धालु, तीर्थस्थल, आचार्य परीक्षा & आयुर्वेद !

Picture credit Google Gemini AI 


भारत मे सभी तीर्थक्षेत्रो मे विगत वीस तीस सालो मे श्रद्धालु लोगों की संख्या मे भारी वृद्धी हुई है, ये बडी आनंद की बात है!


सबको पता है, सभी तीर्थक्षेत्र में जो श्रद्धालु आते है, उनमे से बहुसंख्य, वहा के दैवत के विषय मे, प्राचीन ग्रंथो मे जो लिखा है, उसके विषय मे प्रायः अज्ञानी होते है!


उदाहरणार्थ भगवद्गीता का श्लोक कंठस्थ होना, विष्णुसहस्त्रनाम कंठस्थ होना, अथर्वशीर्ष कंठस्थ होना, रामरक्षा, शिवमहिम्न या कालभैरवाष्टक कंठस्थ होना, श्री सूक्त पुरुष सूक्त कंठस्थ होना, ऐसा 99% श्रद्धालुओं के बारे मे असंभव होता है! 


ऐसा कुछ अन्य पंथ/संप्रदाय/समूह मे नही होता है, उन्हे उनके पंथ/संप्रदाय/समूह के शीर्ष मार्गदर्शक ग्रंथों के विषय मे आवश्यक प्राथमिक जानकारी निश्चित रूप से होती है, ऐसा अनुभव आता है प्रायः!


इसलिये भक्ती या लोकप्रियता या भीड = क्राऊड पुलिंग पॉप्युलरिटी (crowd pulling popularity) कहते है, वह यह निश्चय नही करती की, ज्ञान की लेव्हल या स्तर कितना है!?


उसी प्रकार से आयुर्वेद मे आज लोकप्रियता भीड संख्या हर जगह दिखाई देती है, किंतु इनमे से 99% लोगों को आयुर्वेद के मूल संहिता के श्लोक ... 

1. ना तो कंठस्थ होते है ,

2. ना ही अगर सामने रखे जाये, तो उसका शुद्ध उच्चारण करके पठण वाचन की भी क्षमता होती है ,

3. ना ही यह संदर्भ कौन से संहिता के कौन से स्थान के कौन से अध्याय मे आया है, यह ज्ञात भी होता है!!! 

यहा के शास्त्र के ग्रंथों का संस्कृत भाषा से स्थानिक या इंग्लिश भाषा मे भाषांतर करके पढा जाता है और वैसी डिमांड / मांग और (ऑफ कोर्स) सप्लाय / धंदा बिझनेस इस क्षेत्र में पूरे जोरों से चलता है

*ऐसा अन्य मेडिकल सायन्स पॅथी फॅकल्टी मे नही होता है, उन्हे उनके मेडिकल सायन्स के मूल ग्रंथ मे क्या विषय है , उसके बारे मे निश्चित रूप से सविस्तर जानकारी होती है प्रायः!*


*मॉडन मेडिसिन के टेक्सबुक या रेफरन्स बुक्स पढते समय कोई भी विद्यार्थी यह डिमांड नही करता , की इंग्लिश पुस्तक का मुझे मेरी स्थानिक भाषा मे भाषांतर करके दे दो , तभी मैं मॉडर्न मेडिसिन पढूंगा ! ऐसी डिमांड कोई भी नही करता है! अथक प्रयास हार्ट/हार्ड एफर्ट्स करके भी इंग्लिश भाषा मे ही मॉडर्न मेडिसिन के टेक्स्टबुक और रेफरन्स बुक दोनो भी पढता है , जी जान लगाकर!*


तो _श्रद्धा भक्ती लोकप्रियता_ & *ज्ञान* इन मे बहुत अंतर होता है !!!


जैसा तीर्थस्थान के यहा पर उमडी हुई भीड मे, जो श्रद्धालु होते है, उनको इस बात का कोई भी "खेद लज्जा या संकोच नही होता है", कि हमे दैवत का जो भी मूलशास्त्र मे संस्कृत मे स्तोत्र है या सभी देवताओं के आराधना का एक मूलाधार ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता है, उसका हमे "एक श्लोक तक ठीक से कंठस्थ भी नही है और सामने रखा जाये तो पढने को भी नही आता है" ... 

"ठीक , वैस्सी ही परिस्थिती exactly same condition" , आयुर्वेद के प्रायः बहुसंख्य प्रॅक्टिशनर की होती है... की, उनको आयुर्वेद की मूल संहिताओ की ही विशेष सविस्तर जानकारी नही होती है, (फिर संहिता ग्रंथों के टीकाकारों का विषय तो बहुत ही दूर रह जाता है!) प्राथमिक स्तर पर तो, कौन सा संदर्भ कौन सा श्लोक कहां पर आया है, यहीज्ञात नही होता है , श्लोक सामने रख दिया जाये तो भी, उसका उच्चारण पठण करना तक उनके लिये संभव नही है ... और इस बात का उनको "खेद लज्जा या संकोच" कतई भी कभी भी नही होता है ... और फिर भी ... जैसे तीर्थस्थलो मे अत्यधिक संख्या मे भीड उमडी हुई रहती है, वैसेही इन प्रॅक्टिशनर के यहां पर, उनके ही जैसे, 1.फ्रेश बीएमएस स्टुडन्ट 2.नवतरुण वैद्य और 3.आशावादी पेशंट ... ऐसे त्रिविध अनपढ अज्ञानी लोगों की भीड उमडी हुई रहती है ... 


नैतिक कर्तव्य के रूप मे मूलशास्त्र का सकल ज्ञान होना, उसके बारे मे चिंतन करना = "सोचना" ... और प्रॉफिटेबल तरीके से, धंदा दुकान चलाना , बनीये/ शॉपकीपर सेल्समन की तरह सामान "बेचना" ... इन मे बहुत अंतर होता है ... 


और इस प्रकार से, केवल पैसा कमाने के लिए, प्रॉफिटेबल सेल ट्रेड के लिए, बीएमएस डिग्री लेकर, हर्बल मेडिसिन के नाम पर, कुछ भी "बेचना" है, तो उससे ज्यादा अच्छा है, कि अपने यौवन के सुवर्णकाल के 2000 दिन, बी एम एस डिग्री करने मे बिताने के बजाय , चाय की टपरी / वडापाव की गाडी या चाट का ठेला, इसमे मेहनत उतने ही दिन करे, तो कई गुना ज्यादा प्रॉफिट मिल सकता है!


तो बीएमएस विद्यार्थी व नव तरुण वैद्य निश्चित रूप से जान ले की, श्रद्धा भक्ती या लोकप्रियता या भीड = क्राऊड पुलिंग पॉप्युलरिटी (crowd pulling popularity), यह, ज्ञान की लेव्हल या स्तर कितना है!? इसका निकष/criterion नही होता है!


और इसीलिए चरक मे आचार्य परीक्षा (= criteria of Teacher/guide/mentor) सविस्तर वर्णित है.

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