चय प्रकोप प्रशम = पुनर्विचार पुनर्मांडणी ... दोष संबंधित ऋतू एवं अष्टांग संग्रहोक्त विशिष्ट संदर्भ के अनुषंग में
लेखक : वैद्य हृषीकेश बाळकृष्ण म्हेत्रे.
एम् डी आयुर्वेद, एम् ए संस्कृत.
आयुर्वेद क्लिनिक्स @पुणे & नाशिक.
9422016871
MhetreAyurved@gmail.com
दोषोपक्रमणीय यह अध्याय बहुत लोगों को ज्ञात होता है। यह अष्टांग हृदय सूत्रस्थान के 13वें अध्याय में वर्णित है... इसका मूल उद्गम स्थान चरक विमान में है, जहाँ इसका गद्य रूप अष्टांग हृदय में पद्य रूप में रूपांतरित हुआ है।
लेकिन चरक और अष्टांग हृदय दोनों में एक विशेष बात जो नहीं है, वह अष्टांग संग्रह के सूत्र स्थान के 21वें अध्याय में दोषोपक्रमणीय के अंतर्गत आती है, और वह यह है...
✨ कफ का उपक्रम वसंत ऋतु के समान बताया गया है... अर्थात कफ का प्रकोप वसंत ऋतु में होता है, इसलिए कफ दोष का उपक्रम वसंत ऋतु के समान होना स्वाभाविक और सुबोध है।
1️⃣
लेकिन वात का प्रकोप वर्षा ऋतु में होता है, इसके बावजूद वात का उपक्रम हेमंत ऋतुचर्या के समान बताया गया है।
2️⃣
और पित्त का प्रकोप शरद ऋतु में होता है, इसके बावजूद पित्त का उपक्रम ग्रीष्म ऋतुचर्या के समान बताया गया है।
3️⃣
वस्तुतः, ग्रीष्म ऋतु तीव्र उष्ण तीक्ष्ण गुण युक्त ऋतु है, इसलिए यह पित्त प्रकोप का ऋतु होना चाहिए था... क्योंकि उससे पहले वसंत ऋतु में भी उष्णता बढ़ी हुई ही रहती है और ग्रीष्म के बाद आने वाली वर्षा ऋतु जलप्रधान 🌧️ होती है, जिससे अग्नि🔥 प्रधान पित्त का शमन निश्चित रूप से होगा!
4️⃣
इसी प्रकार, हेमंत (और शिशिर) ऋतु शीत रूक्ष होने के कारण इसमें वात का प्रकोप होना निश्चित रूप से संभव है, और फिर उसके बाद वसंत ऋतु का आगमन उष्णता लेकर होने के कारण वात का शमन होना पूरी तरह सही है।
5️⃣
इस प्रकार आयुर्वेद में वर्णित दोषों के चय, प्रकोप, शमन और ऋतुओं के संबंध पर एक बार पुनर्विचार और पुनः विश्लेषण किया जाना चाहिए... अष्टांग संग्रह के व्यावहारिक, अभिनव और विलक्षण संदर्भ के आधार पर, और वास्तविक जीवन में वैद्य के पास वर्ष भर में ऋतु अनुसार जो रोगी आते हैं, उनके अनुभव के आधार पर भी।
सर्वाधिकार सुरक्षित all rights reserved
Copyright कॉपीराइट © लेखक : वैद्य हृषीकेश बाळकृष्ण म्हेत्रे.
एम् डी आयुर्वेद, एम् ए संस्कृत.
आयुर्वेद क्लिनिक्स @पुणे & नाशिक.
9422016871
MhetreAyurved@gmail.com
www.MhetreAyurveda.com www.YouTube.com/MhetreAyurved/
Disclaimer/अस्वीकरण: लेखक यह नहीं दर्शाता है, कि इस गतिविधि में व्यक्त किए गए विचार हमेशा सही या अचूक होते हैं। चूँकि यह लेख एक व्यक्तिगत राय एवं समझ है, इसलिए संभव है कि इस लेख में कुछ कमियाँ, दोष एवं त्रुटियां हो सकती हैं। भाषा की दृष्टी से, इस लेखके अंत मे मराठी भाषा में लिखा हुआ/ लिखित डिस्क्लेमर ग्राह्य है
डिस्क्लेमर : या उपक्रमात व्यक्त होणारी मतं, ही सर्वथैव योग्य अचूक बरोबर निर्दोष आहेत असे लिहिणाऱ्याचे म्हणणे नाही. हे लेख म्हणजे वैयक्तिक मत आकलन समजूत असल्यामुळे, याच्यामध्ये काही उणीवा कमतरता दोष असणे शक्य आहे, ही संभावना मान्य व स्वीकार करूनच, हे लेख लिहिले जात आहेत.
Disclaimer: The author does not represent that the views expressed in this activity are always correct or infallible. Since this article is a personal opinion and understanding, it is possible that there may be some shortcomings, errors and defects in this article.
No comments:
Post a Comment